जनता दर्पण (संवाददाता), लखनऊ। भारत सरकार द्वारा जो तीन अध्यादेश लाए जा रहे हैं पूरे देश का किसान इसका पूर्णता विरोध कर रहा है। भारतीय किसान यूनियन, प्रदेश उपाध्यक्ष हरिनाम सिंह वर्मा ने कहा की अगर यह अध्यादेश किसानो के हित मे है तो किसानों से बात करने के बाद ही इस अध्यादेश को लाया जाए। किसान रोड पर है सरकार इस बात पर तुली है कि हम इस अध्यादेश को लाएंगे। किसान किसी भी कीमत पर इस बात को मानने को तैयार नही है। अगर मंडी खत्म हुई तो किसान का बाजार खत्म हो जाएगा और अगर किसान का बाजार खत्म हो गया तो किसान का क्या होगा। ऐसे ही घाटे की खेती पिछले 70 साल से ज्यादा समय से करता चला आ रहा है सरकारें किसानों के हित में नहीं है, जो फैसला मोदी सरकार ला रही है यह फैसला डब्ल्यूटीओ के दबाव में हो रहा है। किसान इसको किसी भी कीमत पर मानने को तैयार नहीं हैं अगर इस अध्यादेश को वापस नहीं लिया गया तो 21 तारीख को पूरे उत्तर प्रदेश सहित पूरे हिंदुस्तान में इसका जिला कलेक्टर के माध्यम से प्रधानमंत्री और उस प्रदेश के मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जाएगा। 25 सितंबर को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ कमिश्नर के कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू होगा। सहारनपुर में कमिश्नर के कार्यालय पर यह आंदोलन शुरू होगा, सरकार तब भी नहीं मानी तो पूरे प्रदेश का किसान उत्तर प्रदेश की राजधानी विधानसभा पर आंदोलन करेगा जिसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी और सलाहकार जिम्मेदार होंगे, जो इस अंधे कानून को लागू करवाने में जुटे हुए हैं।
किसानो के हितैषी हरिनाम वर्मा ने भारत सरकार द्वारा जारी किए जा रहे अध्यादेश को बताया किसान विरोधी